क्या दूसरों का सामान बिना वजह भी इस्तेमाल करने की आपमें प्रवृति है? आप मित्रों या किसी के भी कपड़े आदि पहन लेते हैं, किसी की कलम इस्तेमाल के बाद लौटाना भूल जाते हैं? आपको अंदाजा नहीं कि जाने-अंजाने आप कई परेशानियों को बैठे-बिठाए निमंत्रण दे देते हैं.
यह पोस्ट आपके अंदर की छोटी-छोटी असावधानी का विश्लेषण करके उसका रास्ता सुझाएगी. अंत तक पढ़ें.किसी भी व्यक्ति में दोनों प्रकार की ऊर्जा- नकारात्मक और सकारात्मक ऊर्जा विद्यमान होती है. वास्तुशास्त्र में इस विषय पर विस्तार से चर्चा हुई है. अक्सर लोगों में दूसरे का सामान इस्तेमाल करने की आदत देखी जाती है.
कुछ लोगों में तो दूसरे का सामान इस्तेमाल करने की प्रवृति कुछ ज्यादा ही होती है. उस प्रवृति के कारण उन्हें बहुत नुकसान झेलना पड़ता है. दुख की बात है कि लोगों को न तो इस बात की जानकारी होती है और न ही अंदाजा.
वास्तुशास्त्र में दूसरों की चीजों के इस्तेमाल को लेकर कई छोटी-छोटी मगर बहुत उपयोगी बातें कही गई हैं जिनका ध्यान रखकर आप बहुत सी परेशानियों से सरलता से बच सकते हैं.
शास्त्र कहता है कि दूसरों की चीजों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि वास्तु के अनुसार उनकी नकारात्मक-सकारात्मक चीजें इन चीजों के जरिए किसी को भी प्रभावित कर सकती हैं इसलिए वास्तु के अनुसार दूसरों के इन चीजों को इस्तेमाल करने से पहले बचना चाहिए.
आपको वास्तुशास्त्र के अनुसार सात ऐसी चीजों के बारे में बताता हूं जो दैनिक जीवन में जाने-अंजाने आप दूसरे से लेकर इस्तेमाल कर लेते हैं और उसके नुकसान के शिकार हो जाते हैं. आइए इनके बारें में जानकर लाभ लें. आगे से सावधान रहें.
कलम:अक्सर हम किसी से कलम ले लेते हैं और फिर उसे वापस नहीं करते. कलम जैसी साधारण चीज को वापस न किया जाना आपके लिए नुकसान का कारण बन सकता है.
कभी भी किसी का पेन लें तो उसे जरूर लौटा दें. यदि गुम हो गया हो तो वैसी ही या उससे बेहतर कलम उसे किसी भी हाल में जरूर वापस करें. वास्तु के अनुसार कहा जाता है कि किसी के पेन से काम करके उसे तुरंत न लौटाया तो पैसों का नुकसान होता है.
पैसों के लेन-देन से जुड़ी बातों में तनाव आता है. पैसे के लेन-देन वाले रिश्ते खराब होते हैं. आप समझ भी न पाते होंगे कि आपकी जेब में लटक रही मित्र या किसी और की कलम आपके लिए कितना टेंशन दे रही है.
घड़ी:
वास्तुशास्त्र के अनुसार कभी भी दूसरे की घड़ी को अपनी कलाई पर नहीं बांधना चाहिए, खासतौर से परीक्षा के लिए जाते समय तो बिलकुल ही नहीं. ऐसा कहा जाता है कि कलाई में घड़ी बांधने से आप जीवन में ऊचाइंयों पर नहीं पहुंच सकते. यही नहीं आपके द्वारा की गई मेहनत भी बेकार जाती है.
किसी दूसरे के कपड़े न पहनें:
वास्तुशास्त्र के मुताबिक दूसरों के कपड़ें पहनने से उसकी नकारात्मक ऊर्जा आपमें आने लगती है इसलिए हमेशा दूसरों के कपड़े पहनने से बचना चाहिेए. किसी महत्वपूर्ण कार्य जैसे परीक्षा देने, कोई महत्वपूर्ण समझौता करने जा रहे हों, कोई बिजनेस डील करने जा रहे हों किसी भी शुभ कार्य के लिए जा रहे हों तो हमेशा अपने कपड़े ही पहनकर जाएं.
जूते भी कपड़ों में ही आते हैं. अतः महत्वपूर्ण और शुभकार्य के लिए जाते समय दूसरों के जूते भी नहीं पहनने चाहिए.
गिफ्ट या लकी चीज:
अक्सर देखा गया है कि लोग एक तरफ से गिफ्ट लेकर दूसरी तरफ किसी को गिफ्ट में दे देते हैं. यह अशुभ है. आपको किसी ने कोई गिफ्ट दिया है तो उसे किसी को नहीं देना चाहिए. इसके अलावा अगर आपकी कोई चीज आपके लिए बेहद लकी है तो उसके बारे में सभी को न बताएं और किसी और को इस्तेमाल के लिए तो बिल्कुल भी न दें.
वास्तु के अनुसार इससे आपकी सकारात्मक ऊर्जा उसके पास चली जाती है और आपका जीवन कई तरह से प्रभावित हो सकता है.
उधार पैसा:
कभी भी दूसरों से पैसा उधार न लें. उधार ले भी रहे हों तो नीयत सही रखें क्योंकि वास्तुशास्त्र में कहा जाता है कि कभी भी किसी के पैसे को गलत तरीके से नहीं हड़पना चाहिए. ज्योतिषशास्त्र भी इसके लिए सावधान करता है. इससे मंगल दोष उत्पन्न होता है और मंगलदोष उत्पन्न होता है.
अगर पैसों की काफी जरूरत हो तो पैसे का लेन-देन अच्छी नीयत से करें. उधार लें तो जल्दी ही वापस भी लौटा देने चाहिए. जो लोग उधार लौटाने की स्थिति में आने के बाद भी पैसे नहीं लौटाते या टालमटोल करते हैं वे अपने साथ एक अशुभ लक्षण के प्रभाव में रहते हैं.
बिस्तर:
कभी भी दूसरों का बिस्तर यानी बेडरुम का इस्तेमाल बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए. केवल विवशता की स्थिति में या घर से दूर हों तभी दूसरे के बेड का इस्तेमाल करना चाहिए.
होटल आदि में या सफर में हो तब या किसी रिश्तेदर आदि के यहां हो तभी इससे छूट है लेकिन अपने घर में हों और अपने बिस्तर की जगह किसी और का बिस्तर इस्तेमाल कर रहे हों तो इससे वास्तुदोष बढ़ता है और आपको आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है.
शंख:
कभी भी आपना शंख दूसरों को न दें. शंख मां के भाई कहे गए हैं और आपके घर में माता लक्ष्मी के प्रतीकस्वरूप माने जाते हैं. वास्तुशास्त्र के अनुसार अपने घर का शंख किसी को देने का मतलब है अपनी लक्ष्मी किसी को दे देना.
अपने घर का शंख किसी को उपहार में या दान में कभी नहीं देना चाहिए. पूजा आदि के लिए कोई मांग रहा हो तो संभव हो तो वहां जाकर आप स्वयं शंख बजाएं. पूजा समाप्त होते ही अपना शंख मांग लाएं और फिर उन्हें गंगाजल से धोकर उनको धूप-बत्ती दिखाकर अपने घर में यथास्थान रख लें.
पराइ वस्तुओं का ना करें इस्तेमाल ..............
Reviewed by कृष्णप्रसाद कोइराला
on
अक्टूबर 07, 2018
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