भारतीय राजस्व सेवा में कार्यरत पुष्कर भटनागर ने अमेरिका से एक सॉफ्टवेयर प्राप्त किया है जिसमें सूर्य चंद्रमा के ग्रहण की तिथियां और अन्य ग्रहों की स्थिति तथा पृथ्वी से उनकी दूरी वैज्ञानिक तथा खगोलीय पद्धति से की ज्ञात की जा सकती है...इसकी सहायता से उन्होंने महर्षि वाल्मीकि द्वारा वर्णित खगोलीय स्थिति के आधार पर आधुनिक अंग्रेजी कैलेंडर की तारीखें निकाली हैं...इसके आधार पर उन्होंने श्रीराम के जन्म से लेकर 14 साल के वनवास और वापस अयोध्या पहुंचने की घटनाओं की तिथियों का पता लगाया है जो बहुत ही रोचक और विश्वसनीय हैं...।
महर्षि वाल्मीकि ने बालकांड के सर्ग 18 के श्लोक नंबर 8 और 9 में वर्णन किया है कि श्री राम का जन्म चैत्र माह की नवमी तिथि को हुआ उस समय ग्रह नक्षत्र और राशियों की स्थिति इस प्रकार थी-
सूर्य मेष राशि मेष में, शनि तुला में, बृहस्पति कर्क में, शुक्र मीन में, मंगल मकर में, चैत्र माह शुक्ल पक्ष चंद्रमा पुनर्वसु के निकट कर्क राशि नवमी की दोपहर समय लगभग 12 बजे...।
जब उपर्युक्त खगोलीय स्थिति को कंप्यूटर में एंटर किया गया तो प्लेनेटेरियम सॉफ्टवेयर के माध्यम से यह निर्धारित हुआ कि 10 जनवरी 5114 ईसवी पूर्व दोपहर के समय ग्रह-नक्षत्रों तथा राशियों की स्थिति बिल्कुल वहीं थी जो महर्षि वाल्मीकि ने वर्णित की हैं... इस प्रकार आधुनिक विज्ञान के अनुसार श्री राम का जन्म 10 जनवरी सन् 5114 ईसा पूर्व आज से 7132 वर्ष पूर्व हुआ जो भारतीय कैलेंडर के अनुसार चेत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि है और समय दोपहर के12 से 1बजे के बीच का हैं...।
श्रीराम अयोध्या में ही पैदा हुए इस तथ्य की पुष्टि ईसा के जन्म से पूर्व तथा बाद में लिखे गए भारतीय और विदेशी साहित्यकारों द्वारा रचित साहित्य से भी होती हैं...वाल्मीकि रामायण, तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस, कालिदास द्वारा लिखित रघुवंशम् साथ ही बौद्ध और जैन साहित्य सभी इस बात का प्रमाण देते हैं कि श्रीराम का जन्म अयोध्या में ही हुआ था...।
महर्षि वाल्मीकि ने बालकांड के सर्ग 18 के श्लोक नंबर 8 और 9 में वर्णन किया है कि श्री राम का जन्म चैत्र माह की नवमी तिथि को हुआ उस समय ग्रह नक्षत्र और राशियों की स्थिति इस प्रकार थी-
सूर्य मेष राशि मेष में, शनि तुला में, बृहस्पति कर्क में, शुक्र मीन में, मंगल मकर में, चैत्र माह शुक्ल पक्ष चंद्रमा पुनर्वसु के निकट कर्क राशि नवमी की दोपहर समय लगभग 12 बजे...।
जब उपर्युक्त खगोलीय स्थिति को कंप्यूटर में एंटर किया गया तो प्लेनेटेरियम सॉफ्टवेयर के माध्यम से यह निर्धारित हुआ कि 10 जनवरी 5114 ईसवी पूर्व दोपहर के समय ग्रह-नक्षत्रों तथा राशियों की स्थिति बिल्कुल वहीं थी जो महर्षि वाल्मीकि ने वर्णित की हैं... इस प्रकार आधुनिक विज्ञान के अनुसार श्री राम का जन्म 10 जनवरी सन् 5114 ईसा पूर्व आज से 7132 वर्ष पूर्व हुआ जो भारतीय कैलेंडर के अनुसार चेत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि है और समय दोपहर के12 से 1बजे के बीच का हैं...।
श्रीराम अयोध्या में ही पैदा हुए इस तथ्य की पुष्टि ईसा के जन्म से पूर्व तथा बाद में लिखे गए भारतीय और विदेशी साहित्यकारों द्वारा रचित साहित्य से भी होती हैं...वाल्मीकि रामायण, तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस, कालिदास द्वारा लिखित रघुवंशम् साथ ही बौद्ध और जैन साहित्य सभी इस बात का प्रमाण देते हैं कि श्रीराम का जन्म अयोध्या में ही हुआ था...।
श्री राम की जन्मतिथि
Reviewed by Krishna Prasad Sarma
on
नवंबर 28, 2018
Rating:
Reviewed by Krishna Prasad Sarma
on
नवंबर 28, 2018
Rating:

कोई टिप्पणी नहीं: