भूत-प्रेतों का निवास नीचे दिए गए कुछ वृक्षों एवं स्थानों पर माना गया है। इन वृक्षों के नीचे एवं स्थानों पर किसी प्रकार की तेज खुशबू का प्रयोग एवं गंदगी नहीं करनी चाहिए, नहीं तो भूत-प्रेत का असर हो जाने की संभावना रहती है।
पीपल वृक्ष :- शास्त्रों में इस वृक्ष पर देवताओं एवं भूत-प्रेतों, दोनों का निवास माना गया है। अतः कभी भी पीपल के पेड़ नहीं काटने चाहिए। इसी कारण हर प्रकार के कष्ट एवं दुख को दूर करने हेतु इसकी पूजा अर्चना करने का विधान है।
मौलसिरी :- इस वृक्ष पर भी भूत-प्रेतों का निवास माना गया है।
कीकर वृक्ष :- इस वृक्ष पर भी भूत-प्रेत रहते हैं। ऐसा कहा जाता है कि तुलसीदास ने इस वृक्ष में रोज पानी डालकर इस वृक्ष पर रहने वाले प्रेत को प्रसन्न कर उसकी मदद से हनुमान जी के दर्शन प्राप्त कर प्रभु श्री राम से मिलने का सूत्र पाया था। यह भूत प्राणियों को लाभ पहुंचाने वाली श्रेणी का था।
श्मशान या कब्रिस्तान :- इन स्थानों पर भी भूत-प्रेत निवास करते है।
भूत-प्रेतों से सावधानी
जल में भूत-प्रेतों का निवास होता है। इसलिए किसी भी स्त्री-पुरुष को नदी-तालाब में, चाहे वह कितने ही निर्जन स्थान में क्यों न हों, निर्वस्त्र होकर स्नान नहीं करना चाहिए क्योंकि भूत-प्रेत गंदगी से रुष्ट होकर मनुष्यों को नुकसान पहुंचाते हैं। कुएं में भी किसी प्रकार की गंदगी नहीं डालनी चाहिए क्योंकि कुंए में भी विशेष प्रकार के जिन्न रहते हैं जो कि रुष्ट होने पर व्यक्ति को बहुत कष्ट देते हैं।
श्मशान या कब्रिस्तान में भी कभी कुछ नहीं खाना चाहिए और न ही वहां पर कोई मिठाई, सफेद व्यंजन, शक्कर या बूरा लेकर जाना चाहिए क्योंकि इनसे भी भूत-प्रेत बहुत जल्दी आकर्षित होते हैं। ऐसे स्थानों में रात में कोई तीव्र खुशबू लेकर भी नहीं जाना चाहिए तथा मलमूल त्याग भी नहीं करना चाहिए। किसी भी अनजान व्यक्ति से विशेष रूप से दी गई इलायची, सेब, केला, लौंग आदि नहीं खानी चाहिए, क्योंकि यह भूत-प्रेत से प्रभावित करने के विशेष साधन माने गए हैं।
भूत-प्रेत से बचाव
यदि अनुभव हो कि भूत प्रेत का असर है तो घर में नियमित रूप से सुन्दरकांड या हनुमान चालीसा का पाठ करें तथा सूर्य देव को जल चढ़ाएं।
१. यदि किसी मनुष्य पर भूत-प्रेत का असर अनुभव हो, तो उसकी चारपाई के नीचे नीम की सूखी पत्ती जलाएं।
२. मंगल या शनिवार को एक समूचा नींबू लेकर भूत-प्रेत ग्रसित व्यक्ति के सिर से पैर तक ७ बार उतारकर घर से बाहर आकर उसके चार टुकड़े कर चारों दिशाओं में फेंक दें। यह ध्यान रहे कि जिस चाकू से नींबू काटा है उसे भी फेंक देना चाहिए।
कहां से आक्रमण करते हैं – भूत-प्रेत और मायावी शक्तियां ? PRET BADHA
Reviewed by कृष्णप्रसाद कोइराला
on
नवंबर 27, 2018
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