संपूर्ण संसार रंगमय है। रंगों में अद्भुत प्रभाव होता है।
चंद्रमा से दूधिया सफेद, बुध से हरा, मंगल से लाल, शुक्र से चमकीला सफेद, बृहस्पति से पीला, शनि से काला रंग तथा सूर्य से तप्त लाल रंग की किरणे निकलकर पृथ्वी के जड़-चेतन पर अपना प्रभाव डालती है। सर्वविदित तथ्य यह है कि विभिन्न पदार्थों में रंगों की विभिन्नता का कारण किरणों को अवशोषित और उत्सर्जित करने की शक्ति है। जिन रंगों को वे अवशोषित करती हैं, वे हमें दिखाई नहीं देती, परंतु जिन रंगों को वे परावर्तित करती हैं, वे हमें दिखाई देती हैं। इसी कारण चंद्रमा के बुरे प्रभाव से बचने के लिए मोती, बुध के लिए पन्ना, मंगल के लिए मूंगा, शुक्र के लिए हीरा, सूर्य के लिए माणिक, बृहस्पति के लिए पुखराज और शनि के लिए नीलम पहनने की परंपरा समाज में बनायी गयी है। ये रत्न संबंधित ग्रहों की किरणों को उत्सर्जित कर देते हैं, जिसके कारण ये किरणें इन रत्नों के लिए तो प्रभावहीन होती ही हैं, साथ ही साथ इसको धारण करनेवालों के लिए भी प्रभावहीन बन जाती हैं। शायद यही कारण है कि हमारे समाज की नवविवाहित स्त्रियों को मंगल ग्रह के दुष्प्रभावों से बचाने के लिए लाल रंग को परावर्तित करने के लिए प्राय: लाल वस्त्र से सुशोभित करने तथा मांग में लाल सिंदूर लगाने की प्रथा है। इसलिए रत्नों का प्रयोग सिर्फ बुरे ग्रहों के लिए ही किया जाना चाहिए, अच्छे ग्रहों के लिए नहीं। कभी-कभी पंडितों की समुचित जानकारी के अभाव के कारण ये रत्न जातक को अच्छे फल से भी वंचित कर देती है।
ज्योतिषसाथी भी कमजोर ग्रहों के बुरे प्रभाव से बचने के लिए उससे संबंधित रंगों का अधिकाधिक प्रयोग करने की सलाह देता है। रत्न धारण के साथ साथ आप उसी रंग की प्रधानता के वस्त्र धारण कर सकते हैं। मकान के बाहरी दीवारों की पुताई करवा सकते हैं। यदि व्यक्ति का जन्मकालीनचंद्र कमजोर हो, तो उन्हेंसफेद, बुध कमजोर हो, तो उन्हें हरे, मंगल कमजोर हो, तो उन्हें लाल, शुक्र कमजोर हो, तो उन्हें हल्के नीले, सूर्य कमजोर हो, तो उसे ईंट के रंग, बृहस्पति कमजोर हो, तो उसे पीले, तथा शनि कमजोर हो, तो काले रंग का अधिक प्रयोग कर उन ग्रहों के प्रभाव को परावर्तित कर देना चाहिए। लेकिन ध्यान रहे, मजबूत ग्रहों की किरणों का अधिकाधिक प्रभाव आपपर पड़े, इसके लिए उससे संबंधित रंगों का कम से कम प्रयोग होना चाहिए। उन रंगों की वस्तुओं का प्रयोग न कर आप उनका दान करें, तो काफी फायदा सकता है हो।
ज्योतिष में रंगों की भूमिका
Reviewed by Krishna Prasad Sarma
on
सितंबर 29, 2018
Rating:
कोई टिप्पणी नहीं: