5 जून को कितने बजे लगेगा चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse Timing)

ज्योतिष के लिहाज से जून महीना बहुत खास है। कोरोना संकट के बीच एक साथ 2 ग्रहण लगने जा रहे हैं। 5 जून को इस साल का दूसरा चंद्रग्रहण लगेगा जबकि 21 जून को इस साल का पहला सूर्य ग्रहण।

ज्योतिष के लिहाज से जून महीना बहुत खास है। कोरोना संकट के बीच एक साथ 2 ग्रहण लगने जा रहे हैं। 5 जून को इस साल का दूसरा चंद्रग्रहण लगेगा जबकि 21 जून को इस साल का पहला सूर्य ग्रहण। करीब 58 साल बाद ऐसा योग बना है जब शनि ग्रह के मकर राशि में वक्री रहते हुए एक साथ चंद्र ग्रहण या सूर्य ग्रहण लगने जा रहे हैं। 1962 में भी ऐसा ही संयोग बना था। जब 17 जुलाई को चंद्रग्रहण और 31 जुलाई को सूर्य ग्रहण लगा था । इस बार खास बात यह भी है कि मकर राशि में ही शनि के साथ-साथ देव गुरु बृहस्पति भी वक्री हैं और इन दोनों की मकर राशि में ही वक्री युति में चंद्र व सूर्य ग्रहण लगने जा रहे हैं। ज्योतिष शास्त्र में एक ही महीने में 2 ग्रहण लगने को बहुत शुभ नहीं माना जाता।
वैसे भी ग्रहण का पृथ्वी से एक लंबा नाता है । एक और जहां तकरीबन हर साल ग्रहण लगते ही हैं, वहीं जिस साल में 4 या उससे अधिक ग्रहण लगें, उस साल को ज्योतिष में अनिष्ट कारक भी माना जाता है। प्राकृतिक आपदाओं के साथ-साथ लोगों को महामारियों के प्रकोप से भी जूझना पड़ता है।
वर्ष 2020 एक ऐसा साल है जो 6 ग्रहण का साक्षी बनने जा रहा है। 10 जनवरी को इस साल का पहला चंद्र ग्रहण लग चुका है, 5 जून को दूसरा चंद्र ग्रहण लगेगा, 21 जून को इस साल का पहला सूर्य ग्रहण लगेगा। 5 जुलाई व 30 नवंबर को फिर से चंद्र ग्रहण लगेंगे और 14 दिसंबर को इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगेगा। यानी इस साल चार चंद्रग्रहण और दो सूर्य ग्रहण। यह कोई बहुत शुभ योग नहीं है।
चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) एक खगोलिय घटना है। जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीधी रेखा में संरेखित होते हैं तो हम पृथ्वी की स्थिति के आधार पर सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण देखते हैं। चंद्र ग्रहण उस वक्त लगता है जब पूरा चांद निकला हुआ हो और पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाए। इस तरह सूर्य की किरणों को सीधे चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाती हैं। यह तभी होता है जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा दोनों के बीच आ जाए।
5 जून को होने वाला चंद्रग्रहण उपछाया होगा। इसका अर्थ है कि चांद, पृथ्वी की हल्की छाया से होकर गुजरेगा।

5 जून को कितने बजे लगेगा चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse Timing)
 ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा तिथि 5 जून को है। इस दिन लगने वाला चंद्र ग्रहण 3 घंटे और 18 मिनट का होगा। यह चंद्र ग्रहण 5 जून को रात को 11.15 शुरू होगा और 6 जून को सुबह के12.54 बजे तक अपने अधिकतम ग्रहण पर पहुंचेगा। उपछाया चंद्र ग्रहण 6 जून सुबह 2.34 पर खत्म हो जाएगा।  एशिया, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और अफ्रीका के लोग इस ग्रहण को देख सकते हैं। हालांकि, उपछाया चंद्र ग्रहण होने के कारण लोगों के बीच सामान्य चांद और ग्रहण वाले चांद के बीच अंतर करना मुश्किल होगा।  इस ग्रहण को पूरे भारत में देखा जा सकेगा लेकिन इस ग्रहण के दौरान चंद्रमा कहीं से कटेगा नहीं यानी चंद्रमा के आकार में कोई परिवर्तन नहीं आएगा। यह अपने पूर्ण आकार में आसमान में चलते नजर आएंगे। इस ग्रहण के दौरान चंद्रमा की छवि मलिन हो जाएगी। यानी चांद कुछ मटमैला सा दिखेगा। इसकी वजह यह है कि यह वास्तविक चंद्रग्रहण नहीं है यह एक उपछाया चंद्रग्रहण है।

कोरोना वायरस महामारी की चुनौती के बीच चंद्रग्रहण भी लगने वाला है। ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा तिथि 5 जून को है। इस दिन लगने वाला चंद्र ग्रहण 3 घंटे और 18 मिनट का होगा। यह चंद्र ग्रहण 5 जून को रात को 11.15 शुरू होगा और 6 जून को सुबह के12.54 बजे तक अपने अधिकतम ग्रहण पर पहुंचेगा। उपछाया चंद्र ग्रहण 6 जून सुबह 2.34 पर खत्म हो जाएगा। 

पूरे भारत में दिखेगा ग्रहण
एशिया, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और अफ्रीका के लोग इस ग्रहण को देख सकते हैं। हालांकि, उपछाया चंद्र ग्रहण होने के कारण लोगों के बीच सामान्य चांद और ग्रहण वाले चांद के बीच अंतर करना मुश्किल होगा।  इस ग्रहण को पूरे भारत में देखा जा सकेगा लेकिन इस ग्रहण के दौरान चंद्रमा कहीं से कटेगा नहीं यानी चंद्रमा के आकार में कोई परिवर्तन नहीं आएगा। यह अपने पूर्ण आकार में आसमान में चलते नजर आएंगे। इस ग्रहण के दौरान चंद्रमा की छवि मलिन हो जाएगी। यानी चांद कुछ मटमैला सा दिखेगा। इसकी वजह यह है कि यह वास्तविक चंद्रग्रहण नहीं है यह एक उपछाया चंद्रग्रहण है। इससे पहले 10 जनवरी को ऐसा ही चंद्रग्रहण लगा था।
21 जून 2020 को सूर्य ग्रहण पड़ने जा रहा है। ज्‍योतिषीय दृष्‍टि से इसका असर बहुत अच्‍छा नहीं मिलने जा रहा है। पहले से ही नाजुक दौर से गुजर रही अर्थव्यवस्था में और गिरावट आने के संकेत हैं। मृत्युदर और बढ़ोतरी हो सकती है। तूफान और भूकम्प जैसी प्राकृतिक आपदाएं भी आ सकती हैं।
यह सूर्य ग्रहण मृगशिरा नक्षत्र और मिथुन राशि में होगा। जिनका जन्म नक्षत्र मृगशिरा और जन्म राशि या जन्म लग्न मिथुन है। उनके लिए यह विशेष अरिष्ट फल प्रदान करने वाला होगा। सूर्य ग्रहण प्रात: 9:26 बजे से अपराह्न 3:28 तक रहेगा। भारत में यह ग्रहण प्रात:10 बजे से 14:30 बजे तक अर्थात साढ़े चार घंटे रहेगा। इस ग्रहण के दौरान सूर्य 94 फीसदी ग्रसित हो जाएगा। दिन में अन्धेरा जा जाएगा। कुछ जगह तारे भी दिखाई दे सकते हैं।

ग्रहण का सूतक:
सूर्य ग्रहण का सूतक 20 जून को रात्रि 10:20 से आरंभ हो जाएगा। सूतक काल में बालक, वृद्ध एवं रोगी को छोड़कर अन्य किसी को भोजन नहीं करना चाहिए। इस अवधि में खाद्य पदार्थो में तुलसी दल या कुशा रखनी चाहिए।गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। ग्रहण काल में सोना और देर तक नहीं बैठना चाहिए। चाकू, छुरी से सब्जी,फल आदि काटना भी निषिद्ध माना गया है।

ग्रहण का फल:
मेष, सिंह, कन्या और मकर राशि वालों को शुभ है जबकि वृषभ, तुला, धनु, और कुंभ राशि वालों को मध्यम लाभ देगा। कर्क, वृश्चिक और मीन राशि वालों को अशुभ फल देगा। इसमें वृश्चिक राशि वालों को विशेष ध्यान रखना होगा। कंकण आकृति ग्रहण होने के साथ ही यह ग्रहण रविवार को होने से चूड़ामणि योग भी बना रहा है। इसमें स्नान, दान, जप और हवन करना कोटि गुना महत्व देगा।
5 जून को कितने बजे लगेगा चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse Timing) 5 जून को कितने बजे लगेगा चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse Timing) Reviewed by कृष्णप्रसाद कोइराला on जून 03, 2020 Rating: 5

कोई टिप्पणी नहीं:

ads 728x90 B
Blogger द्वारा संचालित.